Shadi Shayari In Hindi :
1. दो घूंट पीने की आस में तेरी महफ़िल में आए हुए हैं कुछ भी नहीं है पास तेरी दुनिया के सताए हुए हैं
2. सुरई खाली हो गई है सागर अभी तो शुरुआत शाम की है वह हाथ थाम ते हैं मेरा वह कहते हैं रात काम की है
3. मौत का फरमान आया है उन से अलविदा कहने की गवाही आई हैं वह मुझे मिलेंगे या नहीं यह मेरी किस्मत की आजमाइश हैं
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4. मौत के बाद भी ऐसा कर काम खत्म नहीं होगी लाखों सागर फना होंगे जवानी खत्म नहीं होंगी
5. दर्द-ए-दिल सा नहीं जाता बस तकदीर पर रोना आता है मेरी हालत देखकर सागर हर किसी को रोना आता है
6. एलान ए जंग है जमाने में दुनिया लगी है मुझे मिटाने में एक नाम बाकी है तेरा शेष कुछ भी नहीं है गरीब खाने में
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7. तकदीर बदलते देखा है हर किसी को बदलते देखा है जिसने भी की है वफा यहां हर वफ़ा को रोते देखा है
8. जिंदगी से मौत का रिश्ता क्या साहिल से समंदर का रिश्ता क्या यह तो सभी बेवफा है जमाने में ऐसी दुनिया से सागर रिश्ता क्या
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9. प्यार की नजर हो तो हर जरा अब तक नजर आता है नजर बदल जाए तो अपना वजूद भी खाक नजर आता है
10. आंखों के रास्ते दिल में उतर गए दरिया से सागर समंदर में उतर गए दो घूंट बस पीने के लिए सागर हम आंख के समंदर में उतर गए हर दर्द नजर आता है
11. हर तरफ बेवफा का चेहरा नजर आता है यूं तो भूल चुका है सबको बस उस बेवफा का चेहरा नजर आता है
12. तनहाई का यह आलम है बस उनकी यादों का सहारा है मां फिल्म हैं उनके पास सागर मेरी मय्यत बेचारा है
13. दर्दे दिल देकर मुझे मेरी मैयत दफन आएंगे दफनाकर लास मेरी सागर वह जश्न मनाएंगे
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14. नाम सागर का दफन होगा जनाजा उठने के बाद उनका नाम होगा जमाने में जनाजा उठने के बाद
15. उनके प्यार का अफसाना देखो इस दिल पर उसका निशाना देखते हैं प्यार से पास आने का बहाना देखो
16. हर तरफ मौत ही मौत नजर आती हैं जब बेवफा की वह कहानी याद आती है कहानी कुछ भी नहीं वक्त इतनी है बस हर तरफ बर्बादी जवानी नजर आते हैं
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17. हर हर गुर्जर सेवक वफा की खुशबू आती है जैसे भी वफ़ा भी खुशबू आती है वह कहते हैं संगदिल मुझे बेवफा उनके लंबे से भी वफा की खुशबू आती हैं
18. रुसवा उनके प्यार में होता रहा हूं मैं दाग वफा के अश्कों से दोहरा रहा हूं वह कहते हैं संगदिल मुझे बेवफा रुसवा उनके प्यार में होता रहा हूं
19. फूल से नाजुक थे हमसफर तेरे वह चलते थे कांटों से दामन बजाते हुए दुनिया कहती हैं सागर कातिल उन्हें वह तो चलते थे हर किसी के दामन बचाई हुए
20. कदम कदम पर ठोकर मिलती हैं जहां में दर्द की मारो को अपने भी ठुकरा देते हैं खुदा जहां में दर्द के मारों को
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21. मेरी मैयत से भी सागर खुशबू वफा की आती है यहां सभी दर्द के मारे हैं फिजाओं से भी वफा की बू आती हैं
22. फिर भी पैगाम ए वफ़ा देती है बेवफाई भी समाज जला देती हैं लाख बेवफा होगी दुनिया के लिए मगर वह आकर दो फूल चढ़ा देती हैं
23. दिल के टुकड़े कफन कफन में सिमटे गए अब अश्क बहाने से फायदा क्या होगा मेला अब आ सकूंगा जान मेरी अब मेरा नाम पुकारने से फायदा क्या होगा
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24. क्यों रोते हो मजार पर मेरी तुमने ही तो यह घर बनाया है मैं ना था बेवफा जान मेरी तुमने ही तू मुझे बेवफा बनाया है
25. वह सोते हैं हमसे सागर हम कब से भी पैसा किस हाल में होगी सनम मेरे फिजाओं में भी उनका हाल पूछते हैं
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26. कबर पर आ जाते हो शकुन शकुन आ जाता है जीते जी तो मिल ना पाए हम अभी भटकते हैं उनके कोचों में मर कर भी मिल ना पाए हम
27. छोड़कर अफसाने प्यार की शायद वह जश्न मनाते होंगे हम बर्बादी का मेरी बचाने वालों को बताते होंगे
28. मर कर भी सुकून ना होगा उन्हें हर शाम मैयत पर आते होंगे बाना होगा शराब जलाने का वजीफा बताते होंगे
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29. जनाजा उठा दिया प्यार में जुबां पर तलाक नहीं आया आ जाते मुझे सताने के बाद ही मगर अब तक वह कातिल नहीं आया
30. जीते जी मुझे सताया है आखिर अब सताने लेते मुझे घड़ी आखिर हैं बेवफा किसी के बहाने से ही चेहरा दिखा देते मुझे
31. शर्मा कर उनकी बेवफाई से कफ़न में चेहरा छुपा लिया हमने अब तो खुश हो जाओ जान मेरी कातिल चेहरे पर लिख लिया हमने
32. वफा खत्म ना होगी जानम मैं फिर आऊंगा तुम्हें सताने के लिए हर बार हर्ष यही होगा मैं फिर भी आऊंगा तुम्हें पाने के लिए
33. नहीं है हम ना बदनाम मा फिल हैं हर दर्द हर गम का इलाज महफिल हैं बस आप के लिए चलाइए शमा हर दर्द हर गम का इलाज मां फिल है
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34. बदनामी गालियों में रहते हैं दीप नहीं है घर शरीफों के आशियाना में मिली है तोहफे में वह बदनाम इस जमाने में
35. प्यार करने का क्या खूब बनाया है तेरी चाहत ने कोठे पर पहुंचाया है अच्छा सिला दिया तूने साथ कि मेरी घर की शमा को कोठे पर चलाया है
36. तेरी चाहत मौत के करीब लाई है तक आज मुजरा करने आई है तुम्हें पाने के लिए सागर दीप आज कोठे पर ही आई
37. तुम आई हो शर्मा हजार छोड़कर क्या मिलेगा ना फिर सजाने के बाद बदनाम मोहब्बत होगी मेरी दीप कुछ ना पाओगी दिल लगाने के बाद
38. तुम जब जब डगमग आओगी तो मैं अपनी बाहों में संभाल लूंगी तुम्हारी हर दुख दर्द को बस मैं अपने दिल में उतार लूंगी
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39. तुम्हारे नाम के सारे मैं अपनी जिंदगी संभाल लूंगी मैं तुम्हारी हूं बस सोच कर इतना मैं अपनी जिंदगी गुजार लूंगी
40. ठोकर खाना जब नसीब में हो तो लकीरे नसीब की मिठाई नहीं जाती जब बस जाए किसी का प्यार दिल में हो तो उसके साथ दिल से मिठाई नहीं जाती
41. अश्क शबाना अब नसीब है कट जाएंगे दिन जुदाई के भी 4 दिन की जिंदगी है बस जिएंगे दिन जुदाई के भी
42. संजय शंभरकर कर बैठी हूं तुम बस दो ही ना दो तो मैं क्या करता हूं करीब हो तो तुम्हारी नजरें उठाई ना तो मैं क्या करता
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43. हर पल बेकरार हूं तुम्हारे लिए तुम पास आना ही ना चाहो तो मैं क्या करूं मेरे दिल में बस चाहत है तुम्हारी मेरी छठ ठुकराओ तो मैं क्या करूं
44. ए हुस्न और जलवा डर लगता है आपकी इरादा से आरजू तेरी चाहत फरेब है डर लगता है मुझे वादों से
45. नहीं वजह कोई अजीब उलझन है आपकी बेवफाई से एक दम निकलता है तुम कहते हो सागर मुझे बेवफा आपकी जुदाई से एक दम निकलता है
46. यह सभी श्रंगार है साजन तुम्हारे लिए के बाहर है साजन तुम्हारे लिए नहीं होगा तुम्हें यकीन साजन मेरी बाहों से हार है साजन तुम्हारे लिए
47. बेकरार नजर आता है बेटा आरजू मसलते हैं तूफान खामोश धड़कन है करीब है साजन फिर भी यह बेरुखी इधर तूफान उसको दर्जन है
48. जलते हैं सर आगे दीप शामो शहर हम भी यहां दिल जला कर बैठे हैं शमा जलती है वह काम चलाना है हम भी यहां दिल लगाकर बैठे हैं
49. उसकी समा की माफी ली क्या जिसमें दिल जलकर खाक ना हो मजा है चाहत का तभी साजन दिल जले सागर खाक ना हो
50. इस बाहर को बाहर नहीं कहते जिसमे के झोंके दौर ना हो मजा तभी आता है चाहत का साजन हो तो प्यार किसी से दिल में कोई और ना हो।