मेरी छोटी सी प्रेम-कहानी ( My Small love story )
वो दिखने में छोटी-सी, गोरी-सी, थी। मेरी छोटी सी प्रेम-कहानी | My Small love story | उसके लम्बे सुन्दर बाल, मिठी आंखें, होंठों पर लाली़, जब मैं उसे देखना शुरू करता, तो मैं अपनी नज़रे को वहां से हटा ही नहीं पाता था। 😘😘 मुझे ऐसा क्यों लगता, कि भगवान इस लड़की को मेरे लिए ही चुना होगा। मैं घर का सबसे बड़ा बेटा हूं, मेरे घर में मां और पापा, मेरे दो aur bhaai h। पापा के बाद मुझे ही देखना था सब, घर की जिम्मेदारी सब कुछ। पापा अभी तो कर रहे हैं लेकिन पापा मम्मी मुझे पर भरोसा करते हैं।
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my Small love story |
कभी करियर तो कभी वो खूबसूरत लम्बे बाल वाली लड़की, ऐसे ही इन सबी बातो को सोचते सोचते कब रात निकली पा ही नहीं चला। अगली सुबह हुई, फिर शाम, कुछ दिन उही दिन गुजर गए।
मेरे दिन गुजरते गए हैं, फिर मम्मी पापा ने बोला, बेटा तुम कहां खोई हो, तुम्हारी स्कूल खुल चुकी हैं, तुम्हें भी स्कूल जाना चाहिए, तुम 11वीं कक्षा में पढ़ते हो।
अब बारी थी नई क्लास की, नई क्लास, 11वीं क्लास, लेकिन गुमसुम एक कोन म सो रहा था। पापा मम्मी ने बोला बेटा तुम्हारी क्लास शुरू हो गई ह, कहा खोये हुए हो। तुम 11वां कच्चा एम चले गए हो, ये तुम्हारा सुनेहरा समय जब तुम अपना करियर बनाना भी सक्षम हो और बड़ा भी कभी हो। तो ध्यान करो।
मैंने अपने मम्मी पापा से बोला, ठीक है मम्मी कल सोमवार है, और कल मैं अपने दोस्तों के साथ में स्कूल जाऊंगा। अभी मैं रमेश से पूछ कर आता हूं, कि मुझे कौन-कौन सी किताबें लानी है, ताकि मैं आराम से पढ़ाई कर चकु, लेकिन मुझे यह नहीं समझ में आ रहा हैं, कि मेरा दिमाग को कहीं और घूम रहा है, अपनी नजर को जब भी उस अपने गांव की लंबे बाल वाली लड़की को देखता हूं, तो मेरी नजर ही नहीं हट पाती हैं।
और मैं सोमवार को जल्दी उठा, 6:00 बजे।
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पर मैंने फटाफट नहा-धोकर, फटाफट स्कूल ड्रेस पहनी, मैंने मम्मी से बोलना, मम्मी लेट हो जाएगा। मम्मी जल्दी नाश्ता बना लो, मैं नाश्ता करके स्कूल जा रहा हूं, फिर मैं नाश्ता करके अपने दोस्तों के साथ में स्कूल आया।
और सुबह-सुबह का मौसम था स्कूल का पहला दिन था, कुछ दोस्तों के साथ में हंसी ठिठोली की साथ में लड़कियों के साथ में भी हंसी मजाक की बहुत मजा आया, जैसी मैंने उस लड़की को देखा, कि मुझे समझ में नहीं आ रहा, मेरी नजर नहीं हट पा रही है, मेरा दोस्त रमेश मुझसे बोलते हैं, बेटा कहां पर ध्यान दे रहा है, लगता है आज तो तू गया।
लंबे बालों वाली लड़की स्कूल में सबसे होशियार थी, हम सारे लोग क्लास में बैठकर मजाक कर रहे थे, तभी अध्यापक स्कूल में आते हैं, सारे लड़के और लड़कियां खड़े हो जाते हैं, हमारे टीचर बोलते, शटडाउन सारे नीचे बैठ जाओ।
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और वह हमारा गणित का टीचर था। कुछ ऐसे प्रश्न पूछता, कोई नहीं उनका जवाब दे पाता था। लंबे बालों वाली लड़की हाथ खड़ा करके बोलती सर मुझे इस प्रश्न का उत्तर पता है, मैं आपको एक सेकंड में बता दूंगी, लेकिन टीचर को पता था। कि यह हमारे पिछली क्लास से चल रही है, ये सबसे होशियार लड़की हैं, और जैसे गणित वाले टीचर की नजर मेरे ऊपर पढ़ती हैं,
तो बोलता है, खड़ा हो जा बता इसका उत्तर क्या है, मैं आगे पीछे देख कर लड़कों का मुंह देखता सारे लड़के और लड़कियां हंसने लगती है, तभी वह लंबे बाल वाली लड़की मेरे पर ताना मारती है,
कि तुम पढ़ते नहीं हो, और बोलती सर, इसको तो कुछ भी पता नहीं है।
और फिर टीचर एक बड़ा सा डंडा लेकर आता है, पर मेरे दोनों हाथों पर तीन-तीन डंडे जोर से मारते हैं। और टीचर लाला कर कर के गुच्छे से मेरी तरफ देखता है और बोलता है कल सारी फिजा पढ़ कर आना मैं तो कल इससे भी ज्यादा डंडे पड़ेंगे फिर बोलता है ठीक है अभी बैठ जा।
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जैसे ही गणित वाला टीचर क्लास से बाहर जाता है मैं रोने लगता हूं मेरे पास हमेशा के बोलते हैं कोई नहीं यार रहने दे यह टीचर ऐसा ही है कोई नहीं आ कल से पढ़ कर आना तभी वह लंबे बालों वाली लड़की कुछ लड़कियों के साथ में आती है और मेरी तरफ ताना मारती हैं साले पढ़ाई करता है नहीं,
और वह लड़की सभी लड़कियों और लड़कों के सामने जोर-जोर से चिल्ला चिल्ला कर बोलती हैं, कि मुझे देखो मुझे मुझे कितना सारा पता है, फिर गुस्सा भी लड़के और लड़कियों को बोलती हैं, ताना मार के कि तुम पढ़ाई नहीं करते हो सारे,
लड़के और लड़कियां चुप हो जाती हैं।
और जैसे ही स्कूल की छुट्टी होती हैं मैं घर जाता हूं पर वह लंबे बालों वाली लड़की मेरे घर के बगल में उसका भी घर था। और मैंने उससे बोला मुझे गणित के बारे में कुछ भी पता नहीं है मुझे समझ में नहीं आती है गणित, तुम्हें कितना सारा पता है, थोड़ी मुझे भी समझा दो ताकि मुझे आज के बाद गणित वाले टीचर से डंडे नहीं पड़ेंगे।
मेरी तरफ घूर के देखती है, अभी मेरे पास टाइम नहीं है बाद में आना।
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तभी मैं शाम को खेलने जाता हूं और वह लड़की भी आ जाती है मेरे कुछ दोस्त मेरे साथ रमेश भी था कुछ और भी दोस्त थे इस प्रकार से हम 10-15 लोग हो जाते हैं।
और साथ में खेलते हैं लेकिन मेरा तो खेलने का मन नहीं था बस मैं उस लड़की को देखता रहता,
तभी मेरे पास रमेश आकर बोलता है हो क्या गया है, तुझे क्यों इसकी तरफ देख रहे हैं, मुझे लगता है
इसे ज्यादा ही लगाव है मैंने रमेश की तरफ देखा।
और थोड़ा मुस्कुरा कर मैंने सिर हिला दिया। मुझे नहीं पता कि वह लंबे बालों वाली लड़की, मेरे पीछे खड़ी है और वह जब यह सब देखती हैं।
और लड़की हंसकर अपने घर की तरफ चली जाती है, परदेसी शाम को खाना खाने का टाइम हुआ तो मेरे घर का के पास बोलती हैं जब मैं घर के बाहर ही खड़ा हूं नीम के पेड़ के पास में निंबोली खा रहा था।
अरे मेरे से बोलते हैं आ जाओ आज हम दोनों साथ में खाना खाएंगे।
‘मैंने बोला ठीक है, फिर हम दोनों ने साथ में खाना खाया हमारे लिए मम्मी ने दाल का हलवा, मेथी का अचार, दही, मीठी लस्सी तरह से देसी खाना मजा आया गया।
‘ और खाना खाने के बाद मैंने मम्मी से बोला मम्मी हम दोनों थोड़ी देर पास गांव में आज मेला लगा है वहां पर घूमने जा रहे हैं।
‘ मम्मी ने बोला ठीक है बेटा जाओ, मैं और मेरा दोस्त हम दोनों मेले में घूमने गए और जब मिलेगा वह दिन मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा और यादगार दिन रहा और मुझे वह आज भी याद आता है क्योंकि एक अकेले में जाकर मिले देखना खुशी लेना क्या मजे लेना इतना मजा नहीं आता जब दोस्तों के साथ जाते हैं और भी ज्यादा मजा आता।
‘ मेले में मौत का कुआं देखना आनंद लेना बड़े से स्पाइरल पर घूमना झूले में घूमना छोटी बच्चों वाली खिलौने वाली ट्रेन को देखना जादूगर का जादू देखना और कुछ अपने लिए मनपसंद सीजर खरीदना जब इस तरह से मैं इतनी सारी खुशियां अपने दोस्त के साथ लेकर जब मैं घर आई और कुछ कपड़े मम्मी को दिखाएं मैंने अपने लिए अपने छोटे भाई और अपने मम्मी पापा के लिए भी कपड़े लिए तो मम्मी बहुत खुश हुई और छोटा भाई भी बहुत खुश हुआ उस समय मेरा छोटा भाई आठवीं क्लास में पढ़ता था और जब भी शाम को मैं खाली बैठ गए थे तुम अपने छोटे भाई को पढ़ाई करना थी और वह भी दिन मुझे आज भी ज्यादा थे
‘ मैं और मेरा दोस्त हम दोनों 12वीं क्लास में पढ़ते थे और उसमें बोर्ड परीक्षा नजदीक थी। और मैंने बोला रमेश आज घर आ जाओ वैसे भी बोर्ड परीक्षा चल रही हम दोनों साथ में बैठकर पढ़ाई करेंगे और मुझे थोड़ी गणित समझजनी हैं तुमसे। मैंने बोला ठीक है आ जाएंगे शाम को,
और मैं अपनी गर्लफ्रेंड को कनेक्ट समझाने के लिए शाम को 7:30 पर खाना-वाना खाकर उनके घर चला गया मेरी गर्लफ्रेंड की मम्मी ने बोला बेटा तुम दोनों में चलेगा आराम से पढ़ाई करो मेरी गर्लफ्रेंड ने बोला ठीक है मम्मी हम जा रहे हैं पढ़ाई करने हमारी बोर्ड परीक्षा नजदीक आ गई है
मम्मी ने बोला ठीक है बेटा बेस्ट ऑफ लक। फिर मेरे दोस्त मुझे पूरी गणित इंग्लिश और कई सारे सब्जेक्ट इन दोनों ने साथ में बैठकर तैयारी भी गई, और मैं आपको गणित भी समझाई
और दूसरे दिन हम और खेले और पढ़ाई भी गए जब बोर्ड परीक्षाएं नदी कहां गई जब मैंने गणित का एग्जाम दिया तुम्हें स्कूल में दूसरे नंबर पर रही इतनी खुशी देखकर मेरी मम्मी बहुत खुश हुई मैंने सभी दोस्तों को मिठाइयां माटी
और फिर स्कूल छोड़ने के बाद जब मैं कॉलेज में ज्वाइन हुई कॉलेज में ज्वाइन हुई तो मैं मैं आईएएस आईपीएस बनना चाहती थी इसके लिए मैंने अपनी डिग्री के लिए कॉलेज में एडमिशन करवा दिया
और मैंने b.a. का नहीं स्टार्ट कर दिए और साथ में यूपीएससी से ट्रेनिंग लेकर कोचिंग वाली और मैं और मेरा दोस्त दोनों साथ में ही हम पढ़ाई करते थे कॉलेज भी साथ में जाते थे और यूपीएससी के लिए भी हम साथ में जाते थे हमें इंटरव्यू करवाया और जो हमारी पढ़ाई पढ़ाई पूरी हो गई हमने यूपीएससी का एग्जाम दिया
और हम दोनों इस प्रकार से लंबे समय से साथ में रहने के बाद हम दोनों दोस्त बन गए और साथ में हम दोनों का आईपीएस के अंदर सिलेक्शन हो गया और हमारी ड्यूटी भी पास पास में थी दिन भर ड्यूटी करते हैं और शाम को साथ में खाना खाते हैं मौज करते पार्टी करते हैं
इस तरह से हमें बहुत अच्छा लगा लेकिन जब हमारी ड्यूटी अलग-अलग सेंटर पर चले गए तो हम दोनों को एक दूसरे को बहुत मिस करते थे फिर हमने सोचा इस तरह से हमें नहीं रह जाएगा विशेष के मुझे तो बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा तो
मैंने उससे बात की कि हम दोनों शादी कर लेते हैं ड्यूटी करेंगे लेकिन हम संडे को है जब भी छुट्टी मिलेगी तो हम साथ में 10 दिन बिताएंगे और इसके लिए हमने अपने मम्मी पापा से बात की मम्मी पापा आपस में मिले और बोले ठीक है बेटा आगे आने वाले कुछ शादी का मुहूर्त कुछ आते हैं
शादी का मुहूर्त पूछो आते हैं और तुम दोनों की एक अच्छी शादी करवा लेते हैं यह सुनकर ओम बहुत ही खुश हुए और फाइनली दीपाली से 1 महीने पहले शादी का मुहूर्त था हमने शादी भी कर ली और ऊपर से दिवाली का हमारी नई नई शादी का आनंद भी ले लिया और
हमारी इस तरह से जिंदगी कब गुजर गई हमें पता ही नहीं चला दोस्तों अगर आपकी जिंदगी में भी कुछ ऐसा हुआ है तो हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा
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